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दान का महत्व की प्रवचन शृंखला 

10 मई आचार्य श्री कनकनन्दी जी-दान का महत्व प्रवचन संख्या 121

11 मई आचार्य श्री कनकनन्दी जी प्रवचन दान का महत्व

12 मई आचार्य श्री कन्कनन्दी जी,दान का महत्व,गुरुसेवा श्रावक का प्रमुख कर्तव्य व सबसे बड़ा दान

13 मई आचार्य श्री कनकनन्दी जी प्रवचन दान के महत्व

14 मई अक्षय तृतीया आचार्यश्री कनकनन्दी जी दान का महत्व

Jainam .'s Personal Meeting Room

वैज्ञानिकdr सुरेंद्र सिंह पोखरणा द्वारा आचार्य श्री कनकनन्दीजी गुरुराज के चरणों मे निवेदन व चर्चा

15 मई आचार्य श्री कनकनन्दी जी प्रवचन दान का महत्व

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II णमोकार मंत्र II​

णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्वसाहूणं
एसो पंच णमोयारो, सव्वपावप्पणासणो I
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढम हवइ मंगलम् II

स्तुति

मिथ्यातम नाशवे को, ज्ञान के प्रकाशवे को, आपा-पर भासवे को, भानु-सी बखानी है ।
छहों द्रव्य जानवे को, बन्ध-विधि भानवे को, स्व-पर पिछानवे को, परम प्रमानी है ॥

अनुभव बतायवे को, जीव के जतायवे को, काहू न सतायवे को, भव्य उर आनी है ।
जहाँ-तहाँ तारवे को, पार के उतारवे को, सुख विस्तारवे को, ये ही जिनवाणी है ॥

हे जिनवाणी भारती, तोहि जपों दिन रैन, जो तेरी शरणा गहै, सो पावे सुख चैन ।
जा वाणी के ज्ञान तैं, सूझे लोकालोक, सो वाणी मस्तक नमों, सदा देत हों ढोक ॥

देव भजो अरिहंत को गुरु सेवा निर्ग्रन्थ दया धर्म पालो सदा यही मोक्ष का पंथ ||

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