top of page
106-1066668_arham-jain-symbol-hd-png-dow

विषय-सिद्ध परमेष्ठी की प्रवचन श्रृंखला 

*Acharya shri kanaknandi ji-विश्व द्रव्य विज्ञान ,23 jan 2021* *pravachan no.56 विषय-सिद्ध परमेष्ठी,

Acharya shri kanaknandi ji-विश्व द्रव्य विज्ञान ,1 feb 2021 pravachan no.61 विषय-सिद्ध परमेष्ठी, परम

Acharya shri kanaknandi ji-विश्व द्रव्य विज्ञान ,2 feb 2021 pravachan no.62 विषय-सिद्ध परमेष्ठी, परम

324px-Jain_Prateek_Chihna

II णमोकार मंत्र II​

णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्वसाहूणं
एसो पंच णमोयारो, सव्वपावप्पणासणो I
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढम हवइ मंगलम् II

स्तुति

मिथ्यातम नाशवे को, ज्ञान के प्रकाशवे को, आपा-पर भासवे को, भानु-सी बखानी है ।
छहों द्रव्य जानवे को, बन्ध-विधि भानवे को, स्व-पर पिछानवे को, परम प्रमानी है ॥

अनुभव बतायवे को, जीव के जतायवे को, काहू न सतायवे को, भव्य उर आनी है ।
जहाँ-तहाँ तारवे को, पार के उतारवे को, सुख विस्तारवे को, ये ही जिनवाणी है ॥

हे जिनवाणी भारती, तोहि जपों दिन रैन, जो तेरी शरणा गहै, सो पावे सुख चैन ।
जा वाणी के ज्ञान तैं, सूझे लोकालोक, सो वाणी मस्तक नमों, सदा देत हों ढोक ॥

देव भजो अरिहंत को गुरु सेवा निर्ग्रन्थ दया धर्म पालो सदा यही मोक्ष का पंथ ||

Quick links 

Copyright © 2024. Acharya Kanaknandi Gurukul. All rights reserved

bottom of page