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विषय-पंच  परमेष्ठी भगवान की प्रवचन श्रृंखला  

आचार्य श्री कनकनन्दी जी 1 मार्च 2021,विश्व द्रव्य विज्ञान,विषय-पंच परमेष्ठी प्रवचन संख्या 73

आचार्य श्री कनकनन्दी जी 2 मार्च 2021,विश्व द्रव्य विज्ञान,विषय-पंच परमेष्ठी प्रवचन संख्या 74

आचार्य श्री कनकनन्दी जी 4 मार्च 2021,विश्व द्रव्य विज्ञान,विषय-पंच परमेष्ठी प्रवचन संख्या 75

आचार्य श्री कनकनन्दी जी 6 मार्च 2021,विश्व द्रव्य विज्ञान,विषय-पंच परमेष्ठी प्रवचन संख्या 76

आचार्य श्री कनकनन्दी जी 8 मार्च 2021,विश्व द्रव्य विज्ञान,विषय-पंच परमेष्ठी प्रवचन संख्या 77

आचार्य श्री कनकनन्दी जी 9 मार्च 2021,विश्व द्रव्य विज्ञान,विषय-ध्यान,समता भाव व पंच परमेष्ठी प्रवचन

आ. श्री कनकनन्दी जी 11.3.2021,विश्व द्रव्य विज्ञान,विषय-समता भाव,आत्म विशुद्धि व सद धर्म क्या है?

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II णमोकार मंत्र II​

णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्वसाहूणं
एसो पंच णमोयारो, सव्वपावप्पणासणो I
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढम हवइ मंगलम् II

स्तुति

मिथ्यातम नाशवे को, ज्ञान के प्रकाशवे को, आपा-पर भासवे को, भानु-सी बखानी है ।
छहों द्रव्य जानवे को, बन्ध-विधि भानवे को, स्व-पर पिछानवे को, परम प्रमानी है ॥

अनुभव बतायवे को, जीव के जतायवे को, काहू न सतायवे को, भव्य उर आनी है ।
जहाँ-तहाँ तारवे को, पार के उतारवे को, सुख विस्तारवे को, ये ही जिनवाणी है ॥

हे जिनवाणी भारती, तोहि जपों दिन रैन, जो तेरी शरणा गहै, सो पावे सुख चैन ।
जा वाणी के ज्ञान तैं, सूझे लोकालोक, सो वाणी मस्तक नमों, सदा देत हों ढोक ॥

देव भजो अरिहंत को गुरु सेवा निर्ग्रन्थ दया धर्म पालो सदा यही मोक्ष का पंथ ||

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