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सर्वोदय शिक्षण शिविर की प्रवचन श्रृंखला 

10 सितंबर उत्तम क्षमा आचार्य श्री कनकनन्दी जी

11 सितंबर उत्तम मार्दव स्वाध्याय आचार्य श्री कनकनन्दी जी

12 सितंबर उत्तम आर्जव पर आचार्य श्री कनकनन्दी जी

हजारो वर्ष पूर्व जैनागम में उत्तम आर्जव पर व्यख्या

13 सितंबर उत्तम शौच धर्म पर आचार्य श्री कनकनन्दी जी द्वारा स्वाध्याय

ख्याति,पूजा, प्रसिद्धि की कामना रहित,चंदे चिट्ठे,प्रदर्शन व आडम्बर रहित साधना ही उत्तम संयम है

15 सितंबर उत्तम संयम पर आचार्य श्री कनकनन्दी जी द्वारा प्रवचन

परमगुरुभक्त उत्कृष्ट सेवाभावी किसान पुत्र जीवण जी पाटीदार द्वारा के पवित्र भाव व स्व रचित कविता

16 सितंबर उत्तम तप धर्म आचार्य श्री कनकनन्दी जी गुरूराज

17 सितंबर उत्तम त्याग धर्म पर आचार्य श्री कनकनन्दी जी का प्रवचन

18 सितंबर उत्तम आकिंचन्य धर्म आचार्य श्री कनकनन्दी जी

20 सितंबर क्षमाधर्म आचार्य श्री कनकनन्दी जी

जीवण भाई पाटीदार द्वारा आ कनकनन्दी जी को गुरुदेव सन 2022 हेतु वर्षायोग निवेदन

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II णमोकार मंत्र II​

णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्वसाहूणं
एसो पंच णमोयारो, सव्वपावप्पणासणो I
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढम हवइ मंगलम् II

स्तुति

मिथ्यातम नाशवे को, ज्ञान के प्रकाशवे को, आपा-पर भासवे को, भानु-सी बखानी है ।
छहों द्रव्य जानवे को, बन्ध-विधि भानवे को, स्व-पर पिछानवे को, परम प्रमानी है ॥

अनुभव बतायवे को, जीव के जतायवे को, काहू न सतायवे को, भव्य उर आनी है ।
जहाँ-तहाँ तारवे को, पार के उतारवे को, सुख विस्तारवे को, ये ही जिनवाणी है ॥

हे जिनवाणी भारती, तोहि जपों दिन रैन, जो तेरी शरणा गहै, सो पावे सुख चैन ।
जा वाणी के ज्ञान तैं, सूझे लोकालोक, सो वाणी मस्तक नमों, सदा देत हों ढोक ॥

देव भजो अरिहंत को गुरु सेवा निर्ग्रन्थ दया धर्म पालो सदा यही मोक्ष का पंथ ||

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