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आचार्य श्री कनकनंदी जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
क्षुल्लक दीक्षा- अतिशय क्षेत्र पपौराजी (टिकमगढ) मध्यप्रदेश (सन् 1978)
मुनि दीक्षा- 5 फरवरी 1981 (श्रवणबेलगोल कर्णाटक)
दीक्षा प्रदाता गुरु- पूज्य गणधराचार्य श्री कुन्थुसागर जी
शिक्षाप्रदात्री प्रमुख गुरू- पू.ग. विजयामति माताजी
उपाध्याय पद- 25 नवम्बर 1982 हासन (कर्णाटक)
आचार्य पदवी- 23 अप्रैल 1996 उदयपुर (राज.)
प्रशिक्षित सुयोग्य श्रमण शिष्य समूह- पू.आ पद्मनन्दी आ.देवनन्दी, आ.कल्प श्रुतनन्दी, आ.करूणानन्दी, आ.कुशाग्ननंदी, आ.गुप्तिनंदी, उपाध्याय विद्यानंदी, उपा.कनकोज्ज्वलनंदी (श्रुतसागर), मु.आज्ञासागर मुनि. आध्यात्मिक मुनि सुविज्ञसागर जी।.......
आचार्य श्री कनकनन्दी जी का साधना परिचय, व्यक्तित्व एवं कतित्व
मार्गदर्शक-सान्निध्य-शिक्षादातागुरु-आचार्य विमलसागर जी,
आचार्य-भरतसागर जी, आचार्य-विद्यानन्द जी (दिल्ली)
1. अवस्था - ब्रह्मचर्य के विचार
समयावधि -
दीक्षा/उपाधि प्रदाता -
विशेष विवरण- 14 वर्षकी आयु मेंस्वेच्छा सेस्व- अंत प्ररेणा से आजीवन ब्रह्मचर्य स्वीकारा
|| मेरा लक्ष्य, साधना एवं अनुभव ||
आचार्य कनकनन्दी (Acharya Kanaknadiji)अनेक वर्षों से अनेकों ने विशेषतः जो मेरे पास अध्ययन करते हैं या मेरे साहित्यों का अध्ययन करते हैं ऐसे स्व-पर संघ के साधु संत, ब्रह्मचारी, ब्रह्मचारिणी, शिविर के विद्यार्थी तथा विद्वान्, प्रोफेसर्स, वैज्ञानिक आदि का आग्रह रहा है कि गुरुदेव! आप कृपया आपकी जीवनी हमें बताये जिससे हमें प्रेरणा मिलेगी। परंतु यह सब मेरे से संभव नहीं होने के कारण उनका पुनः आग्रह रहा कि आप अवश्य अपनी प्रेरणादायी जीवनी लिखें जिससे हमें प्रेरणा मिलें तथा दूसरे लाभान्वित होवे। मैं यह सब नहीं चाहने के कारण, मैं मेरी जन्मजयंती, दीक्षा जयंती, आचार्य जयंती आदि...


पूज्यवर वैज्ञानिक धर्माचार्य श्री कनकनन्दी जी गुरुराज की जूम वेबिनार के अंतर्गत समस्त प्रवचन श्रृंखला
Jainam zoom विश्व द्रव्य विज्ञान


विश्व द्रव्य विज्ञानं संग्रह - पूज्य आचार्य श्री कनकनंदीजी मुनिराज
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विश्व द्रव्य विज्ञानं संग्रह - पूज्य आचार्य श्री कनकनंदीजी मुनिराज
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विश्व द्रव्य विज्ञानं संग्रह - पूज्य आचार्य श्री कनकनंदीजी मुनिराज 17-08-2020
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